28 मई, 2022

सम्मान मिले न मिले



कभी भूल कर भी

 न जाना उस ओर

जहां नहीं मिलता सम्मान

यह भी जान लो |

सम्मान माँगा नहीं जाता

स्वयं के गुण ही उसे पा लेते  

वे जहां से गुजरते

 वह बिछ बिछ जाते |

मन को अपार प्रसन्नता होती

जब बिना मांगे 

चाहा गया मिल जाता

समाज में सर उन्नत होता |

यही प्रतिष्ठा की अभिलाषा रहती

आत्म सम्मान ही धरोहर होती

या यूं कहें संचित धन राशि होती

जिसके लिए रहना दूर  पड़ता

 गलत आचरण से  |

आशा 


आशा 

25 मई, 2022

किसी से कुछ न चाहिए

 

मुझ को कुछ न चाहिए

 सब  मिला है भाग्य से |

 और कुछ न चाहिए 


किसने कहा कि मैं हूँ अक्षम     

मैं भी हूँ सक्षम हर कार्य में

पहाड़ हिला  सकती हूँ

आज की नारी हूँ

किसी से कम नहीं हूँ  |

ऊंची उड़ान हँ ध्येय मेरा

उसमें सफल रहूँ

 हार का मुह न देखूं

बस रहा यही अरमान मेरा |

यदि सफलता पाई

जीवन में आगे बढूंगी 

जीत लूंगी सारा जग 

पलट कर पीछे न देखूंगी |

आशा