माँ की ममता पिता का प्यार
पर अंतर बड़ा दोनों में
ममता की मूरत दिखाई देती
पर पिता का प्यार छिपा रहता
दीखता केवल अनुशासन |
लगता था तब बहुत बुरा
जब छोटी सी बात पर भी
डांट ही मिलती थी
भूले से भी प्रशंसा नहीं
जब खुद पिता बन गया हूँ
बच्चों की उलझने सुलझा रहा हूँ
तभी जान पाया हूँ
वे कभी गलत न थे
यदि तब रोकटोक न होती
आज में इतना सक्षम न होता
रोज याद आती है उनकी
उनके अनुशासित दुलार की
अपने सर पर
उनके वरद हस्त की
अब सोचता हूँ
मेरे पापा थे सबसे अच्छे
उनसा कोई नहीं |
आशा