झरते आंसू अविराम
अफसोस है कुछ खोने का
अनचाहा घटित होने का |
आवेग जब कम होता
वह सोचता कुछ खोजता
एकटक देखता रहता
दूर कहीं शून्य में |
हो हताश कुछ बुदबुदाता
जैसे ही कुछ याद आता
निगाहें उठा फिर ताकता
उसी अनंत में |
छलकते आंसुओं को
रोकने की चेष्ठा कर
धुंधलाई आँखों से झांकता
फिर से परम शून्य में
जाने कितने अस्तित्व
समा गए अनंत में
फिर भी खोजता अनवरत
गंभीर सोच जाग्रत होता
अशांत मन में |
जो चाहा पूर्ण न हो पाया
प्रयत्न अधूरा रहा फिर भी
है सफलता से दूर भी
पर आशा अभी बाकी है |
आशा
जो चाहा पूर्ण न हो पाया
जवाब देंहटाएंप्रयत्न अधूरा रहा फिर भी
है सफलता से दूर भी
पर आशा अभी बाकी है |
सकारात्मक अभिव्यक्ति...
ummdaa
जवाब देंहटाएंहो हताश कुछ बुदबुदाता
जैसे ही कुछ याद आता
निगाहें उठा फिर ताकता
उसी अनंत में
बेहतरीन अभिव्यक्ति ! निराशा के गहन अन्धकार में भी आशा की कोई एक नन्ही सी किरण मन में उत्साह का संचार कर जाती है ! सुन्दर रचना !
जवाब देंहटाएंगहरी अभिव्यक्ति।
जवाब देंहटाएं... प्रशंसनीय रचना - बधाई
जवाब देंहटाएंप्रयत्न अधूरा रहा फिर भी
जवाब देंहटाएंहै सफलता से दूर भी
पर आशा अभी बाकी है |
बेहतरीन पंक्तियाँ।
सादर
bahut gahan bhaav,aasha par hi sansaar tika hai.bahut sundar.
जवाब देंहटाएंSUNDAR..
जवाब देंहटाएंआशा को हर हाल में रहना ही चाहिए अन्यथा जीवन की कल्पना असंभव है..
जवाब देंहटाएंहै सफलता से दूर भी
जवाब देंहटाएंपर आशा अभी बाकी है ...
आशा का संचार करती सुन्दर पंक्तियाँ.... आभार
सकारात्मक सोच, सुन्दर अभिव्यक्ति...
जवाब देंहटाएंसकारात्मक सोच वाली सुंदर रचना ...समय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका सवागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/
जवाब देंहटाएंवाह बहुत खूब
जवाब देंहटाएंशून्य में ताकती सब उम्मीदे ...
इसी आस पर टिकी है हर आशा की किरण
बहुत सुन्दर आशा से भरी भावाव्यक्ति आशा जी...
जवाब देंहटाएं▬● बहुत खूबसूरती से लिखा है आपने... शुभकामनायें...
जवाब देंहटाएंदोस्त अगर समय मिले तो मेरी पोस्ट पर भ्रमन्तु हो जाइयेगा...
● Meri Lekhani, Mere Vichar..
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