16 जनवरी, 2019

पतंग





व्योम  में मीना बाजार सजा

अनगिनत रंगबिरंगी छोटी बड़ी पतंगें

उड़ने को तैयार हुईं सजबज कर

नैनों  से नैनों के पैच

 लड़ाने का रहता उद्देश्य प्रमुख

जब पतंग उड़ने लगती

ढील से मांझे की पेंच लड़ाए जाते

जब पतंग कट जाती शोर मचाते बालक

लाड़ली पतंग  आई है

 साथ में साली भी आई है

बेचारी कटी पतंग अकेली
आसमान में उड़ती
फिर धराशाही हो जाती 
लूट ली जाती 
 न जाने कितने छंद  बनाए जाते
माइक पर सुनाए जाते
पूरा आनंद उठाते पतंगबाजी का

गुड तिल बाँट प्रेम भाव दर्शाते  

संक्रांति होती बहुत धूमधाम से |
आशा

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