व्योम में मीना बाजार सजा
अनगिनत रंगबिरंगी छोटी बड़ी पतंगें
उड़ने को तैयार हुईं सजबज कर
नैनों
से नैनों के पैच
लड़ाने का रहता उद्देश्य प्रमुख
जब पतंग उड़ने लगती
ढील से मांझे की पेंच लड़ाए जाते
जब पतंग कट जाती शोर मचाते बालक
लाड़ली पतंग आई है
साथ में साली भी आई है
बेचारी कटी पतंग अकेली
आसमान में उड़ती
फिर धराशाही हो जाती
लूट ली जाती
न जाने कितने छंद बनाए जाते
माइक पर सुनाए जाते
बेचारी कटी पतंग अकेली
आसमान में उड़ती
फिर धराशाही हो जाती
लूट ली जाती
न जाने कितने छंद बनाए जाते
माइक पर सुनाए जाते
पूरा आनंद उठाते पतंगबाजी का
गुड तिल बाँट प्रेम भाव दर्शाते
संक्रांति होती बहुत धूमधाम से |
आशा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: