18 जनवरी, 2019

प्यार नहीं तो और क्या है ?















छिप छिपकर
 परदे की ओट से झांकना
कमरे में बेचैन हो
 चक्कर काटना
सुध बुध खो
 दरवाजे पर नजरें टिकाना
यह प्यार  नहीं तो और क्या है ?
मिलने पर नजरें चुराना शर्माना
और अधिक शोख हो जाना
यहाँ प्यार नहीं तो और क्या है ?
ध्यान  न रहे
 बेकरारी में  बेहाल हो
कभी हंसना
 रूठने का नाटक करना
झूटमूट में नयनॉ का  डबडबाना
यह प्यार नहीं है तो क्या है ?
मन के भाव 
 उजागर हो जाते है
अन्दर से हाँ 
ऊपर से ना  करना
मनुहार करवाना
 रूठने का नाटक करना
यह प्यार नहीं तो और क्या है ?
आशा
  




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