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14 फ़रवरी, 2015
खिले सुमन
मन के गीत
विभावरी की गोद
स्वप्न सजाते |
खिले सुमन
चहुदिश बिखरे
मदिर गंध |
कितना सहे
क्यूं सहे यह पीड़ा
अवला नारी|
जन्म उसका
है ईश्वर का तोफ़ा
ना कोई पाप |
आशा
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