कालीदास कृति मेघदूतम में वर्णित
श्रीकृष्ण सुदामा की अध्ययन
स्थली
शहर है बहुत छोटा सा पर
प्राचीन
लगता बड़ा सुरम्य |
बारह ज्योतिर्लिंगों में से
एक
होता हर कार्य सफल यहाँ
मन को अपार शान्ति मिलती
महाकाल की आराधना से |
है महाकाल का महत्व बड़ा
बारह वर्षों बाद होता सिहस्थ यहाँ
है हरसिद्धि शक्तिपीठ भी
देवी के बावन शक्तिपीठों में
से एक |
हैं यहाँ मंदिर ही मंदिर
तभी कहलाता उज्जैन शहर मंदिरों
का
सारा दिन कब कट जाए घूमते
घूमते
समय का पता ही नहीं चलता |
क्षिप्रा नदी की सांध्य आरती होती
भव्य , दर्शनीय और मनमोहक
चाहती हूँ शाम के इन
पलों को
अपने ह्रदय में बसालूँ |
है तो शहर बहुत छोटा सा
पर लोग हैं मिलनसार यहाँ
महमान नवाजी दिल से करते
अपनत्व झलकता यहाँ |
आशा
आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28.11.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3533 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी
जवाब देंहटाएंधन्यवाद
दिलबागसिंह विर्क
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंमेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |
अच्छी जानकारी के साथ सुन्दर सृजन आदरणीया
जवाब देंहटाएंसादर
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंटिप्पणी के लिए धन्यवाद अनीता जी |
बहुत सुन्दर रचना ! उज्जैन शहर की सभी खूबियों को समेट लिया अपनी रचना में ! बहुत अच्छी प्रस्तुति !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिपण्णी के लिए |
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