27 नवंबर, 2019

उज्जैनी








कालीदास कृति मेघदूतम में वर्णित
श्रीकृष्ण सुदामा  की अध्ययन स्थली
शहर  है बहुत छोटा सा पर प्राचीन
 लगता बड़ा सुरम्य |
 बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक
होता हर कार्य सफल यहाँ
मन को अपार शान्ति मिलती
महाकाल की  आराधना  से |
है महाकाल  का महत्व बड़ा
बारह वर्षों बाद  होता सिहस्थ  यहाँ
 है हरसिद्धि शक्तिपीठ भी  
 देवी के बावन शक्तिपीठों में से एक |
हैं यहाँ मंदिर ही  मंदिर
तभी कहलाता उज्जैन  शहर मंदिरों का
सारा दिन कब  कट जाए घूमते  घूमते
समय का पता ही नहीं चलता |
क्षिप्रा नदी की सांध्य आरती होती
भव्य , दर्शनीय और  मनमोहक
 चाहती हूँ  शाम  के इन पलों को
अपने ह्रदय में बसालूँ |
है  तो शहर बहुत छोटा सा
 पर लोग हैं मिलनसार  यहाँ
महमान नवाजी दिल से करते
                                     अपनत्व झलकता यहाँ |
                                              आशा

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 28.11.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3533 में दिया जाएगा । आपकी उपस्थिति मंच की गरिमा बढ़ाएगी

    धन्यवाद

    दिलबागसिंह विर्क

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  2. सुप्रभात
    मेरी रचना शामिल करने के लिए आभार सर |

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  3. अच्छी जानकारी के साथ सुन्दर सृजन आदरणीया
    सादर

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  4. सुप्रभात
    टिप्पणी के लिए धन्यवाद अनीता जी |

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  5. बहुत सुन्दर रचना ! उज्जैन शहर की सभी खूबियों को समेट लिया अपनी रचना में ! बहुत अच्छी प्रस्तुति !

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  6. धन्यवाद साधना टिपण्णी के लिए |

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