07 अक्तूबर, 2016

बहार


आ जाती है बहार
उसके आने से
बगिया में खिलते फूल
इसी बहाने से
भ्रमर गुंजन करने लगते
खिलते फूल देख
तितलियाँ रंगबिरंगी
गाती तराने
उसके शबनमी एहसास से
उदासी छाने लगती
उसके जाने से
रंग फ़िजा का
बदलने लगता
उसके रूठ जाने से
खुशियों का पिटारा खुलता
उसके मन जाने से
आजाती बहार फिर से
उसके लौट आने से | |
आशा

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