रोज साथ रहते रहते
जाने क्यों मन मुटाव हुआ
आपस में बोलना छोड़ा
एक पूरब एक पश्चिम
एक ही घर में रहें पर
संवाद हीनता की स्थिति में
बीच बचाव भी बेअसर रहा
मध्यमा ने थोड़ी की पहल
कहा चलो एक ही काम
अलग अलग करो
पहले अवसर छोटी को मिला
वह पूर्ण रूप से असफल रही
वह भी कुछ कर न सकी
मध्यमा ने कुछ कुछ हिलाया
पर वह भी सफल न हो पाई
सब के बुरे हाल देख
तर्जनी ने हार मानली
तब अंगूठे ने मिलाया हाथ सब से
मुठ्ठी बनाई करने को कार्य
बहुत सरलता से सम्पन्न हुआ वह
कार्य की पूर्ण आहुति हुई
सब ने कसम खाई
सदा हिलमिल कर रहने की|
आशा
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