18 नवंबर, 2018

गम और हम








कौन कहता है कि
हमने गम नहीं देखा
हमने बहुत गम खाया है
हर बात पर पलटवार न करके
मन को समझाया है |
सही क्या और गलत क्या
बिना सोचे समझे किया समझौता
सभी उलझनों से
किसी को कुछ नहीं कहने का
अवसर प्रदान किया
तभी कह पाते है शान से कि
हम ने बहुत गम खाया है
मर मर कर जिए हैं
जीने के न कोई अरमां रहे  शेष
उसे ही  दिल से  अपनाया है
हमने गम से रिश्ता जोड़ा है
उसे यूँही नही छोड़ा है
अपना हमदम उसे बनाया है |
आशा



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