06 मार्च, 2019

क्यूँ करें अभिमान

हूँ सक्षम किसी से कम नहीं
वे सभी कार्य कर सकती हूँ
पर कोई गलत नहीं
वर्जना यदि सही हो
स्वीकार लेती हूँ
पर गलतसही को ठीक से
पहचान लेती हूँ
पाया है श्रेष्ट जीवन का अधिकार
जब से नर तन पाया है
है अभिमान मुझे यही
श्रेष्ठ योनी में जन्म लिया है
अब सारे कर्ज चुकाना है
पूर्व के जन्मों में लिए कर्जों के|
यह अभिमान नहीं है
प्रभु को किया शत शत नमन है
क्यों करें अभिमान ?
मनुज का चोला पहना है
उसकी का प्रतिफल है 
मनुज योनी सर्वश्रेष्ठ मानी जाती
तभी क्यों करें अभिमान ?
आशा |

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 07.03.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3267 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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    1. सुप्रभात
      मेरी रचना की सूचना के लिये धन्यवाद |

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  2. मोटूरि सत्यनारायणआपकी इस पोस्ट को आज की बुलेटिन 24वीं पुण्यतिथि - मोटूरि सत्यनारायण और ब्लॉग बुलेटिन में शामिल किया गया है। कृपया एक बार आकर हमारा मान ज़रूर बढ़ाएं,,, सादर .... आभार।।

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    उत्तर
    1. सुप्रभात
      मेरी रचना शामिल करने के लिए धन्यवाद |

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  3. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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