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31 मई, 2014
वन संपदा
1--धानी चूनर
पहनी धरती नें
छटा असीम
योवन छलकता
मन छूना चाहता |
2--है हरीतिमा
मनोरम दृश्य है
महका वन
पक्षी पंख फैलाते
चैन की सांस लेते |
3--कटते वन
विलुप्त हरियाली
गर्म मौसम
तल्खी मिजाज में है
उस ही का कारण |
4--काॅपी कलम
बिखरे से विचार
व्यस्त उनमें
मुझे सुकून देते
यही संपदा मेरी |
आशा
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