07 फ़रवरी, 2017

सियासत




थोथी सियासत ने
जान डाली सांसत में
अब तो उसके भी
लाले पड़ गए हैं
संयम तक नहीं
बरत पाते
सरेआम इज्जत
गवा रहे हैं
बिना सोचे
 किये कटाक्ष
बहुत मंहगे पड़ रहे हैं
वार पर वार और
आरोपों के पलट वार
कीचढ़ में पत्थर
डालने सा है
और कुछ हो या न हो
खुद  पर
कीचड़ के छींटे
उड़ रहे हैं |
आशा


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