ब्योम में सुर्खी आई
बाग़ में गई
आसमान में
है चहलपहल
पक्षियों की
ठंडी हवा है
पत्ती पत्ती हिली है
ख़ुशी मन में
महका बाग़
छोटे छोटे पुष्पों से
कई रंगों के
पुष्प खिले हैं
आई रौनक वहां
चहके पक्षी
किसी ने किया
पेड़ के नीचे बैठ आराम किया
\\
आशा सक्सेना
उत्तम हाइकु !
जवाब देंहटाएंधन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंसुन्दर
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |
हटाएंसादर नमस्कार ,
जवाब देंहटाएंआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा गुरुवार (16-3-23} को "पसरी धवल उजास" (चर्चा अंक 4647) पर भी होगी। आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
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कामिनी सिन्हा
बहुत सुंदर सृजन।
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर।
जवाब देंहटाएंप्रकृति का सुंदर वर्णन
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