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14 मई, 2014
नजारा हाउस बोट का
12 मई, 2014
रिश्ते
रिश्ते :-
कैसे ये रिश्ते
पल में बदलते
सतही होते |
बनाया रिश्ता
स्नेह से अपनाया
नहीं टूटता |
यूं अचानक
दिल से दिल मिले
रिश्ता है एक |
रेत के ढेर
हवा में उड़ते हैं
रिश्ते बे पैर |
रिश्ते सुहाने
जब क्षीण हो जाते
होते बहाने |
दृग बोलते
तुम न समझते
भ्रमित होते |
आशा
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