01 जनवरी, 2012

शब्द

शब्दों का दंगल आस पास 
अस्थिर करता मन कई बार 
दंगल का कैसे ध्यान धरें 
आकलन  शब्दों का कौन करे |
नहीं  सरल शब्दों को तोलना 
उन  वाणों से बच रहना
सत्य असत्य की पहिचान कर 
सही  अर्थ निकाल पाना |
कभी होता शब्द भी उदास 
देख   अपनी अवहेलना
है वह उस तारे सा 
जो टूटा खंड खंड होगया 
जाने  कहाँ विलुप्त हो गया |
उस शब्द का है महत्त्व अधिक 
जो कुछ बजन रखता हो 
जिस पर कोई अमल करे 
मूल्य  उसका समझ सके |
अनर्गल कहे गए शब्द 
बदलते  रहते शोर में 
और खो जाते भीड़ में 
सिमट जाते किसी आवरण में |
अनेक  शब्द अनेक अर्थ
कैसे ध्यान सब का रहे
हैं  अनेक तारे अर्श में
गिनने की कोशिश कौन करे |
आशा











12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुंदर प्रस्तुति...आप को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !

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  2. बेहतरीन।

    -----
    आपको नव वर्ष 2012 की हार्दिक शुभ कामनाएँ।

    सादर

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  3. बहुत सुन्दर...नव वर्ष की शुभकामनाएँ!!

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  4. सार्थक एवं अनर्गल शब्दों को बड़ी सूक्ष्मता से व्याख्यायित किया है ! बहुत सुन्दर एवं सशक्त रचना ! नव वर्ष की शुभकामनायें !

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  5. बहुत सुन्दर रचना !!
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!

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  6. इसलिए कहते हैं शब्दों को सोच समझ के निकालना चाहिए ...
    नव वर्ष मंगल मय हो ...

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  7. बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
    नव वर्ष की शुभकामनायें|

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  8. Nice .

    "ब्लॉगर्स मीट वीकली
    (24) Happy New Year 2012":
    में आयें .
    आपको यहाँ कुछ नया और हट कर मिलेगा .

    जवाब देंहटाएं

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