अस्थिर करता मन कई बार
दंगल का कैसे ध्यान धरें
आकलन शब्दों का कौन करे |
नहीं सरल शब्दों को तोलना
उन वाणों से बच रहना
सत्य असत्य की पहिचान कर
सही अर्थ निकाल पाना |
कभी होता शब्द भी उदास
देख अपनी अवहेलना
है वह उस तारे सा
जो टूटा खंड खंड होगया
जाने कहाँ विलुप्त हो गया |
उस शब्द का है महत्त्व अधिक
जो कुछ बजन रखता हो
जिस पर कोई अमल करे
मूल्य उसका समझ सके |
अनर्गल कहे गए शब्द
बदलते रहते शोर में
और खो जाते भीड़ में
सिमट जाते किसी आवरण में |
अनेक शब्द अनेक अर्थ
कैसे ध्यान सब का रहे
हैं अनेक तारे अर्श में
गिनने की कोशिश कौन करे |
आशा
अनेक शब्द अनेक अर्थ
कैसे ध्यान सब का रहे
हैं अनेक तारे अर्श में
गिनने की कोशिश कौन करे |
आशा
बहुत सुंदर प्रस्तुति...आप को सपरिवार नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबेहतरीन।
जवाब देंहटाएं-----
आपको नव वर्ष 2012 की हार्दिक शुभ कामनाएँ।
सादर
बहुत सुन्दर...नव वर्ष की शुभकामनाएँ!!
जवाब देंहटाएंसार्थक एवं अनर्गल शब्दों को बड़ी सूक्ष्मता से व्याख्यायित किया है ! बहुत सुन्दर एवं सशक्त रचना ! नव वर्ष की शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर रचना !!
जवाब देंहटाएंनववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें!
इसलिए कहते हैं शब्दों को सोच समझ के निकालना चाहिए ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष मंगल मय हो ...
sundar shabd rachna....
जवाब देंहटाएंhappy new year..
बहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें|
Nice .
जवाब देंहटाएं"ब्लॉगर्स मीट वीकली
(24) Happy New Year 2012": में आयें .
आपको यहाँ कुछ नया और हट कर मिलेगा .
bahut umda prastuti.nav varsh mubarak ho.
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर प्रस्तुति।
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की शुभकामनायें|
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