03 दिसंबर, 2012

प्रभाव परिवर्तन का


अकारण कोई नहीं अपनाता
मन शंकाओं से भरता जाता
यह  परिवर्तन हुआ कैसे
छोर नजर नहीं आता
फिर भी परेशान नहीं हूँ
खोजना चाहती हूँ उसे
जो है असली कारक और कारण
इस होते परिवर्तन का
क्या देखा उसने ऐसा
जो खिचा चला आया
बिना जाने अपनापन  जताया
कहीं से रिश्ता भी खोज लाया
वह कितना सही कितना गलत
यह तो नहीं मालूम
पर लगता कोई गहरा छिपा राज
अचानक प्रेम उमढने में
कहीं कोई धोखा तो नहीं
जो छल करे मेरे अनजाने में
मेरी ममता  से भरे जीवन में  
मुझे  कोई भी परिवर्तन
रास  नहीं आता 
समाधान  मन की शंका का 
हो नहीं पाता|
आशा



7 टिप्‍पणियां:

  1. आशंकित हो जाता है अब मन जब कोई जतलाता है अनायास अहेतुक प्रेम .

    कभी हम पे भी नजरे इनायत हो जाए

    ram ram bhai
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    सोमवार, 3 दिसम्बर 2012
    Puppy hugs ease stress in students
    Puppy hugs ease stress in students

    कहना चाहे तो कहलें इसे स्वानचिकित्सा .बुनियाद में इसके प्रेम ही है .प्रेम करने की बान (आदत )पड़ जाए

    आधुनिक मानव को तो तनाव पास न फटके .

    कनाडा का एक विश्वविद्यालय सालाना परीक्षा की तैयारी करने वाले पढ़ाई के दवाब में आये अपने छात्रों के
    http://veerubhai1947.blogspot.in/

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  2. मेरी ममता से भरे जीवन में
    मुझे कोई भी परिवर्तन
    रास नहीं आता
    अचानक आये परिवर्तन शंका को जन्म देते हैं...गहन भाव...

    जवाब देंहटाएं
  3. सोच में आये परिवर्तन अनायास ही आशंकित तो कर ही जाते हैं और मन घबरा जाता है ! बढ़िया प्रस्तुति जीजी ! रचना अच्छी लगी !

    जवाब देंहटाएं

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