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खोजा एक यंत्र अबोला
जो सच्चाई परखता
जिव्हा के तरकश से निकले
शब्द वाण पहचान लेता |
सोचा न था वह ऐसा होगा
मनोभाव तोलेगा
सच झूठ पहचान लेगा
मापक प्यार का होगा |
उसमें एक बिंदु सच का है
दूजा झूठ दर्शाता
मध्यम मार्ग कोई ना होता
सच सामने आता |
फिर भी एक कमी रह गयी
तीव्रता सच या झूठ की
यह दर्शा नहीं पाता
आकलन उसका कर नहीं पाता |
तब भी वास्तविकता नहीं छुपती
वह जान ही लेता है
दूध को दूध
पानी को पानी बताता |
एक आम व्यक्ति के लिए
मन की अभिव्यक्ति के लिए
सत्य या झूठ को
उजागर करने के लिए
इस अबोले यंत्र का
है महत्त्व कितना
आज जान पाया |
आशा
काश ऐसा कोई प्रभावशाली यन्त्र बन जाता ....
जवाब देंहटाएंनई पोस्ट काम अधुरा है
यह कल्पना कभी तो साकार होगी ||
हटाएंआशा
अच्छा है जो है नहीं, यंत्र पकड़ ले झूठ |
जवाब देंहटाएंसपने जाते टूट फिर, अपने जाते रूठ ||
सुन्दर प्रस्तुति-
आभार आदरणीया-
आपकी टिप्पणी बहुत शानदार जान दार है |
हटाएं
जवाब देंहटाएंदूध को दूध
पानी को पानी बताता |
एक आम व्यक्ति के लिए
मन की अभिव्यक्ति के लिए
सत्य या झूठ को
उजागर करने के लिए
इस अबोले यंत्र का
है महत्त्व कितना
आज जान पाया |
नेता पर ये काम न आया
धन्यवाद वीरेन्द्र जी |
हटाएंवाह !! एक अलग अंदाज़ कि रचना ......बहुत खूब
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद |
हटाएंआदरणीय बहुत सुन्दर रचना व प्रस्तुति , धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसूत्र आपके लिए अगर समय मिले तो --: श्री राम तेरे कितने रूप , लेकिन ?
* जै श्री हरि: *
टिप्पणी हेतु धन्यवाद आशीष जी |
हटाएंखूबसूरत अभिव्यक्ति। आभार।
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद जय जी |
हटाएंसूचना हेतु धन्यवाद |
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद रविकर जी |
जवाब देंहटाएंभई वाह ! ऐसा यंत्र मिल जाये तो सभी झूठ बोलने वालों की बोलती बंद हो जाये ! लेकिन अभी तक तो नारको टेस्ट की रिपोर्ट को भी गवाही के रूप में स्वीकृति नहीं मिली है ! इस यंत्र से शायद काम बन जाये ! अलग हट के सुंदर रचना !
जवाब देंहटाएंअभी तो खोज जारी है अनुसंधान हो रहा है |
हटाएंआशा
http://hindibloggerscaupala.blogspot.in/ शुक्रवारीय अंक ४४ दिनांक १५/११/२०१३ में आपकी इस रचना को शामिल किया गया हैं कृपया अवलोकन हेतु पधारे धन्यवाद
जवाब देंहटाएंसूचना हेतु धन्यवाद नीलिमा जी |
हटाएंआशा
सुन्दर रचना , ऐसे यन्त्र से परन्तु बहुत साड़ी परेशानी भी होगी .. :)
जवाब देंहटाएंटिप्पणी हेतु धन्यवाद नीरज जी
जवाब देंहटाएंपिछले २ सालों की तरह इस साल भी ब्लॉग बुलेटिन पर रश्मि प्रभा जी प्रस्तुत कर रही है अवलोकन २०१३ !!
जवाब देंहटाएंकई भागो में छपने वाली इस ख़ास बुलेटिन के अंतर्गत आपको सन २०१३ की कुछ चुनिन्दा पोस्टो को दोबारा पढने का मौका मिलेगा !
ब्लॉग बुलेटिन के इस खास संस्करण के अंतर्गत आज की बुलेटिन प्रतिभाओं की कमी नहीं (24) मे आपकी पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !