02 फ़रवरी, 2014

मधुमास में

मुझे आप सब के साथ अपनी ८०० वी पोस्ट शेयर करना बहुत अच्छा लग
रहा है |आशा है आपको मेरी ये रचनाएं पसंद आएंगी ||
१-मन बावरा
खोज रहा गलियाँ
जहां खो गया |

२-यूं विलमाया
रमता गया वहां
मन मोहना |

३-प्रीत अभागी
कहीं मन का मीत
खो न जाए |


४-माया में लिप्त
मद मत्सर जागे
मोह छूटे ना |


५-वह खोजती 
उस मन का कोना 
जहां प्यार हो |

६-झीना आंचल
मदमस्त मलय
ले चली उड़ा |

7-उलझी लट
खुद से बेखबर
रूप अनूप |

८-आया बसंत
पीली सरसों फूली
धरा जीवंत |

९-मधुमास में
महुआ गदराया
हाथी है मस्त |

आशा





19 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी ८०० वें प्रकाशन हेतु बधाई.
    अंतिम पंक्ति बहुत ही सुन्दर लगी.

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  2. बढ़िया हाईकू ! ८०० रचनाओं का शानदार कीर्तिमान स्थापित करने के लए बहुत-बहुत बधाई ! भविष्य में भी आपकी लेखनी इसी तरह जीवंत एवँ सक्रिय रहे यही कामना है ! खूब लिखिये और हम सबको इसी तरह आनंदित करती रहिये !

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    800वीं पोस्ट की बधाई हो।
    --
    आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा आज सोमवार (03-02-2014) को "तत्काल चर्चा-आपके लिए" (चर्चा मंच-1512) पर भी है!
    --
    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
    --
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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  4. लाजवाब हैं सभी हाइकू ... ८०० रचनाओं का महा सागर रचा है आपने ... बधाई ...

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  5. सभी हाइकु बढ़िया लगे....उत्कृष्ट सृजन के लिए बधाई!!

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