23 नवंबर, 2018

आन






जब बात आन बान  की  हो
किसी से कम नहीं हैं हम
जब बात झूठी शान की हो
 दूर रहते  सारे झमेलों से हम 
है नाज हमें अपने  विचारों  पर
यदि कोई पैमाना हो नाप का
जो चाहे नाप ले 
खरे हैं खरे थे खरे रहेंगे हम
 किसी से कम नहीं हैं हम
आन बान   जन्म जात कमाई है
किसी से उधार नहीं ली है
इसी लिए सर नहीं झुकाते हम 
घमंडी नहीं है हम
जब आन पर आते हैं
 अटल हो जाते हैं  हम |
आशा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Your reply here: