19 जनवरी, 2019

जब भी देखा उसने


जब भी  देखा उसने
 हसरत भरी निगाहों से
मन की बात
 जवान पर आ ही गई
पर अचानक चुप्पी देखी 
जब देखा शब्दों का
 टोटा हुआ है
मूंह  तक आते आते 
 कहीं अटक जाते 
जाने कहाँ खो जाते 
सोचने को बाध्य हुआ
ऐसा क्या करूँ कि 
अपनी बात स्पष्ट कर पाऊं
तभी एक करिश्मा हुआ
न जाना कैसे उसने
 मेरे दिल की बात सुन ली
जीवन खुशरंग हुआ 
 मेरी जिन्दगी  में
दूध में चीनी की तरह 
 वह इक नई  जिन्दगीं
 सी घुलने लगी मुझमें |
आशा 


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