31 दिसंबर, 2020

सोचो क्या करना है ?

 


                                                             मन मेरे सोचो क्या करना है ?

आने वाले कल के लिए

कोई उत्साह नहीं है अब  

जीवन की शाम का

इंतज़ार कर रहे हैं |

हर लम्हा पुकार  रहा है

प्रभु का भजन करो

उसके सानिध्य में जाओ

उसका गुणगान करो |

समय व्यर्थ न गवाओ

भर पूर जिन्दगी जी ली  है

अब और की लालसा न रखो

यह न सोचो आगे क्या होगा |

हर वर्ष की तरह यह वर्ष भी

आया है बीत ही जाएगा

माया मोह से बचो

कुछ नेकी के काम करो |

आशा

 

10 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 31 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

    जवाब देंहटाएं
  2. बहुत बढ़िया नव वर्ष आपके लिए अच्छा स्वास्थ्य और खुशियां लाये

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. धन्यवाद स्मिता टिप्पणी के लिए |नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |

      हटाएं
  3. सुन्दर रचना ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ! नया साल आपके लिए सुस्वास्थ्य, आरोग्य, सुख, संतोष और समृद्धि की भरपूर सौगातें लेकर आये ! नया साल मुबारक हो !

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |टिप्पणी के लिए धन्यवाद |

      हटाएं
  4. मानव-पीढ़ी रहेगी ज़िन्दा ,
    जब तक ज़िन्दा हैं मानवता।
    नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें....

    जवाब देंहटाएं
  5. सुप्रभात
    धन्यवाद टिप्पणी के लिए |नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: