मन मेरे सोचो क्या करना है ?
आने वाले कल के लिए
कोई उत्साह नहीं है अब
जीवन की शाम का
इंतज़ार कर रहे हैं |
हर लम्हा पुकार रहा है
प्रभु का भजन करो
उसके सानिध्य में जाओ
उसका गुणगान करो |
समय व्यर्थ न गवाओ
भर पूर जिन्दगी जी ली है
अब और की लालसा न रखो
यह न सोचो आगे क्या होगा |
हर वर्ष की तरह यह वर्ष भी
आया है बीत ही जाएगा
माया मोह से बचो
कुछ नेकी के काम करो |
आशा
आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 31 दिसंबर 2020 को साझा की गई है.... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंThanks for the information
हटाएंHappy new year to you. Thanks for the comment
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया नव वर्ष आपके लिए अच्छा स्वास्थ्य और खुशियां लाये
जवाब देंहटाएंधन्यवाद स्मिता टिप्पणी के लिए |नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
हटाएंसुन्दर रचना ! नव वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं ! नया साल आपके लिए सुस्वास्थ्य, आरोग्य, सुख, संतोष और समृद्धि की भरपूर सौगातें लेकर आये ! नया साल मुबारक हो !
जवाब देंहटाएंनव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |टिप्पणी के लिए धन्यवाद |
हटाएंमानव-पीढ़ी रहेगी ज़िन्दा ,
जवाब देंहटाएंजब तक ज़िन्दा हैं मानवता।
नववर्ष की हार्दिक शुभकामनायें....
सुप्रभात
जवाब देंहटाएंधन्यवाद टिप्पणी के लिए |नव वर्ष शुभ और मंगलमय हो |
बहुत सुन्दर
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