मंद-मंद वासंती बयार
नव किसलय करते सिंगार
नए पुराने वृक्षों का
हुआ संकेत वसंत आगमन का |
हरी भरी सारी धरती
रंगीन तितलियाँ विचरण करतीं
पुष्पों पर यहाँ वहाँ
रस रंग में डूबीं वे
मन को कर देतीं विभोर |
पुष्पों की आई बहार
कई अनोखे रंग लिये
पीली सरसों पीले कनेर
शेवंती की मद मस्त गंध
गेंदे की क्यारी हुई अनंग|
होते ही भोर सुन कोयल की तान
मन होता उसमें साराबोर
है संकेत वसन्त आगमन का |
वीणा पाणी को करते नमन
कलाकार कवि और अन्य
पीली साड़ी में लिपटी गृहणी
दिखती व्यस्त गृहकार्य में,
मीठे व्यंजन बना
करती स्वागत वसंत ऋतु का |
वासंती रंग में रंगा हुआ
खेलता खाता बचपन
माँ सरस्वती के सामने
प्रणाम करता बचपन |
है दिन वसंत पंचमीं का
माँ शारदे के जन्म का
सुहावनी ऋतु के
होते आभास का |
आशा
माँ सरस्वती को प्रणाम -
जवाब देंहटाएंसुंदर अभिव्यक्ति
शुभकामनायें
है दिन वसंत पंचमीं का
जवाब देंहटाएंमाँ शारदे के जन्म का
सुहावनी ऋतू के
होते आभास का |
बहुत सुन्दर शब्द चित्र..शुभकामनायें
पूरी की पूरी बासंती रचना .....
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर चित्र खींच कर रख दिया बसंत का ..
बस बसंत पंचमी आने वाला ही है। मां शारदे को नमन।
जवाब देंहटाएंहिंदी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं '' -दो दिवशीय राष्ट्रीय संगोष्ठी
जवाब देंहटाएंप्रिय हिंदी ब्लॉगर बंधुओं ,
आप को सूचित करते हुवे हर्ष हो रहा है क़ि आगामी शैक्षणिक वर्ष २०११-२०१२ के जनवरी माह में २०-२१ जनवरी (शुक्रवार -शनिवार ) को ''हिंदी ब्लागिंग : स्वरूप, व्याप्ति और संभावनाएं '' इस विषय पर दो दिवशीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है. विश्विद्यालय अनुदान आयोग द्वारा इस संगोष्ठी को संपोषित किया जा सके इस सन्दर्भ में औपचारिकतायें पूरी की जा रही हैं. के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय के हिंदी विभाग द्वारा आयोजन की जिम्मेदारी ली गयी है. महाविद्यालय के प्रबन्धन समिति ने संभावित संगोष्ठी के पूरे खर्च को उठाने की जिम्मेदारी ली है. यदि किसी कारणवश कतिपय संस्थानों से आर्थिक मदद नहीं मिल पाई तो भी यह आयोजन महाविद्यालय अपने खर्च पर करेगा.
संगोष्ठी की तारीख भी निश्चित हो गई है (२०-२१ जनवरी २०१२ ) संगोष्ठी में अभी पूरे साल भर का समय है ,लेकिन आप लोगों को अभी से सूचित करने के पीछे मेरा उद्देश्य यह है क़ि मैं संगोष्ठी के लिए आप लोगों से कुछ आलेख मंगा सकूं.
दरअसल संगोष्ठी के दिन उदघाटन समारोह में हिंदी ब्लागगिंग पर एक पुस्तक के लोकार्पण क़ी योजना भी है. आप लोगों द्वारा भेजे गए आलेखों को ही पुस्तकाकार रूप में प्रकाशित किया जायेगा . आप सभी से अनुरोध है क़ि आप अपने आलेख जल्द से जल्द भेजने क़ी कृपा करें .
आप सभी के सहयोग क़ी आवश्यकता है . अधिक जानकारी के लिए संपर्क करें
डॉ. मनीष कुमार मिश्रा
के.एम्. अग्रवाल महाविद्यालय
गांधारी विलेज , पडघा रोड
कल्याण -पश्चिम
pin.421301
महाराष्ट्र
mo-09324790726
manishmuntazir@gmail.com
http://www.onlinehindijournal.blogspot.com/ http://kmagrawalcollege.org/
बहुत ही सुन्दर वासंती रचना ! मन को महका गयी ! वसन्त की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंवर्षा, सर्दी, ग्रीष्म हो, या हो सजा बसन्त।
जवाब देंहटाएंमाँ के शुभ आशीष की, महिमा बहुत अनन्त!!
Bahut achchhi rachna hai...
जवाब देंहटाएंSushant Jain
माँ सरस्वती के सामने
जवाब देंहटाएंप्रणाम करता बचपन |
dhanywad ki aapne bachpan ko samne lakar khada kar diya.
बहुत सुन्दर चित्र खींच कर रख दिया बसंत का| धन्यवाद|
जवाब देंहटाएंआदरणीय आशा माँ
जवाब देंहटाएंनमस्कार !
... वसन्त की आप को हार्दिक शुभकामनायें !
वसंत की महक से गमकती खूबसूरत अभिव्यक्ति. आभार.
जवाब देंहटाएंसादर,
डोरोथी.
आदरणीय आशा दी ,
जवाब देंहटाएंमन वासन्ती -वासन्ती हो गया ....
आभार ।
वसन्त की आप सभी को हार्दिक शुभकामनायें !
जवाब देंहटाएंबसंत पंचमी की हार्दिक शुभकामनाएं।
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