किया कभी ना पूजन अर्चन
ना ही दान धर्म किया
करतल ध्वनि के साथ
ना ही भजन कीर्तन
किया
पोथी भी कोइ न पढ़ी
छप्पन व्यंजन सजा थाल में
भोग भी न लगा पाया |
पर उस पर अटल विश्वास से
कर्म किया निष्काम भाव से
हो दृढ़ संकल्प कदम बढ़ाए
निष्ठा से पूर्ण मनोयोग से
कर्म स्थली को जाना परखा
उस पर ही ध्यानकिया केंद्रित
असीम कृपा उसकी हुई
बिना मांगे मुराद मिली
तभी तो यह जान पाया
छप्पन भोग से नही कोइ नाता
है केवल वह भाव का भूखा
असीम कृपा जब उसकी होगी
कहीं कमीं नहीं होगी |
आशा
आशा
..धर्म के आवरण पर बाहरी स्वरूप पर जबरजस्त व्यंग्य ईश्वर भाव का भूखा है ,कर्म ही बस पूजा है ,भावना से भी कर्तव्य बड़ा होता है बढ़िया पोस्ट . .....कृपया यहाँ भी पधारें -
जवाब देंहटाएंram ram bhai
शुक्रवार, 24 अगस्त 2012
आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता
"आतंकवादी धर्मनिरपेक्षता "-डॉ .वागीश मेहता ,डी .लिट .,1218 ,शब्दालोक ,अर्बन एस्टेट ,गुडगाँव -122-001
तभी तो यह जान पाया
जवाब देंहटाएंछप्पन भोग से नही कोइ नाता
है केवल वह भाव का भूखा
असीम कृपा जब उसकी होगी
कहीं कमीं नहीं होगी |
......बहुत खूबसूरती के साथ शब्दों को पिरोया है इन पंक्तिया में आपने
छप्पन भोग से नही कोइ नाता
जवाब देंहटाएंहै केवल वह भाव का भूखा
असीम कृपा जब उसकी होगी
कहीं कमीं नहीं होगी |
सार्थक ...सुंदर संदेश ....!!
आभार ...
केवल वह भाव का भूखा
जवाब देंहटाएंअसीम कृपा जब उसकी होगी
कहीं कमीं नहीं होगी |
अनुपम भाव संयोजित किये हैं आपने ...आभार
सही बात है..यही ज्ञान है ..प्रभु भाव के भूंखे हैं..
जवाब देंहटाएंसत्कर्म करते जाओ बस..
कर्म करे निस्वार्थ भाव से,अच्छे रखे विचार
जवाब देंहटाएंईश्वर की असीम कृपा से, भर जाए भण्डार,,,,,
RECENT POST ...: जिला अनूपपुर अपना,,,
बहुत सुन्दर सन्देश देती सार्थक रचना ! बहुत बढ़िया ! आनंद आ गया पढ़ कर !
जवाब देंहटाएंछप्पन भोगों से नहीं, खुश होते भगवान् |
जवाब देंहटाएंतर्क तरीके व्यर्थ हों, अटक भटक इंसान |
अटक भटक इंसान, लोटता नापे धरती |
व्यर्थ जाप हठ योग, तपस्या कुछ न करती |
सत्तावना प्रकार, पका के रख मन बरतन |
भावों का पकवान, परोसो छोडो छप्पन ||
सच कहा आपने उस ईश्वर की कृपा बनी रहे बस हम सब पर :)))
जवाब देंहटाएंछप्पन भोग से नही कोइ नाता
जवाब देंहटाएंहै केवल वह भाव का भूखा
असीम कृपा जब उसकी होगी
कहीं कमीं नहीं होगी |
सटीक बात कही है .... भगवान बस भाव का भूखा है ...
छप्पन भोग से नही कोइ नाता
जवाब देंहटाएंहै केवल वह भाव का भूखा
असीम कृपा जब उसकी होगी
कहीं कमीं नहीं होगी |
....बहुत सच कहा है...भगवान को भक्ति के अलावा और क्या हम दे सकते हैं..
उसकी कृपा बनी रहे, फिर क्या कमी है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर निर्मल भाव... आभार आशा जी