है मुझे शिकायत तुमसे
दर्शक दीर्घा में
बैठे
आनंद उठाते अभिनय का
सुख देख खुश होते
दुःख से अधिक ही
द्रवित हो जाते
जब तब जल बरसाते
अश्रु पूरित नेत्रों से
आपसी रस्साकशी देख
उछलते अपनी सीट से
फिर वहीँ शांत हो
बैठ जाते
जो भी प्रतिक्रिया होती
अपने तक ही सीमित
रखते
मूक दर्शक बने रहते
अरे नियंता जग के
यह कैसा अन्याय
तुम्हारा
तुम अपनी रची सृष्टि
के
कलाकारों को देखते
तो हो
पर समस्याओं से उनकी
सदा दूर रहते
उन्हें सुलझाना नहीं
चाहते
बस मूक दर्शक ही बने
रहते |
क्या उनका आर्तनाद
नहीं सुनते
,या जानबूझ कर अनसुनी करते
या मूक बधिर हो गए हो
क्या तुम तक नहीं पहुंचता
कोइ समाचार उनका
हो निष्प्रह सम्वेदना
विहीन
क्यूँ नहीं बनते सहारा
उनका |
आशा
आज इंसान खुद को खुदा से ऊपर समझने लगा है ... वो भी क्या करे ...
जवाब देंहटाएंबढ़िया रचना
जवाब देंहटाएंवाकई कभी-कभी ऐसा ही लगता है कि भगवान बिलकुल तटस्थ हो जाता है हम लोगों की तकलीफों से ! लेकिन शायद यही उसका न्याय होता है ! और इसी में हमारी कुछ भलाई छिपी होती है ! सुन्दर प्रस्तुति ! बहुत खूब !
जवाब देंहटाएंबहुत संवेदनशील अभिव्यक्ति..
जवाब देंहटाएंएक सच को कहती संवेदनशील रचना।
जवाब देंहटाएंबहुत बढ़िया ..संवेदशील रचना..
जवाब देंहटाएंसादर
अनु
वाह ... बेहतरीन भाव लिए उत्कृष्ट अभिव्यक्ति ।
जवाब देंहटाएंbhawprdhan......
जवाब देंहटाएंभगवान की स्थिति--- एक अनार सो बीमार
जवाब देंहटाएंवाली है.खैर हम इंसान भी जाएं तो कहां जाएं.
इंसानों से गुज़ारिश ही कर सकते हैं कि वो ईश्वर के कामों में दखल ना दे
जवाब देंहटाएंजब तुम्ही अपनी आवाज़ (अन्तर -आत्मा ) नहीं सुनते ,वह क्यों सुने भाई ?ईश्वर उन्हीं की सहायता करता है जो अपनी सहायता अपने आप करतें हैं ओर इस भाग्यवाद से मुक्त हैं .अच्छा इस्तेमाल है जब मर्ज़ी हांडी उसके सिर पे फोड़ दो ,अपने गिरेबान में झांकना ,छोड़ दो .
जवाब देंहटाएंसमय करे नर क्या करे समय समय की बात ,
किसी समय के दिन बड़े किसी समय की रात .
यह दर्शन ही तो आदमी को नाकारा बना रहा है .रचना अच्छी है .भाग्यवाद का पल्लवन है .
बहुत ही बढ़िया आंटी!
जवाब देंहटाएंसादर
ईश्वर से भी शिकायत .... अच्छी प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंभावपूर्ण रचना...
जवाब देंहटाएंईश्वर के मौन रहने पर हमें उनसे भी शिकायत हो ही जाती है....
जवाब देंहटाएंसुंदर और संवेदनात्मक रचना ... बधाई !
जवाब देंहटाएंसमय आने पर उसे भी जवाब देना ही होगा ......बहुत सुन्दर
जवाब देंहटाएंbahut bar ishwar say aisi shikayat bhi ho jati hai....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर प्रस्तुति |
जवाब देंहटाएंमेरी नई पोस्ट:-
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