ना कर जोरा जोरी सांवरे
छोटा लालन रोवत है
भए लाल गाल गुलाल से
नन्हां देवरिया डरपत है |
मैं तेरे रंग में रंगी
भीगी चूनर सारी
फिर काहे की जोरा जोरी
ना कर मुझ से बरजोरी |
जाड़ा लगत
तन थर थर कांपत
मैं रंग में ऐसी रंगी
गहरे रंग छूटत नाहीं |
है प्यार भरी अनुनय मेरी
छींटे ही नीके लागत हैं
ऐसी होली मोहे ना भावे
तेरा रंग ही काफी है |
तेरा रंग चढा ऐसा
बाकी रंग लागत फीके
उस के आगे कछु न भाए
मोहे ऐसी होली न सुहाय |
आशा
छोटा लालन रोवत है
भए लाल गाल गुलाल से
नन्हां देवरिया डरपत है |
मैं तेरे रंग में रंगी
भीगी चूनर सारी
फिर काहे की जोरा जोरी
ना कर मुझ से बरजोरी |
जाड़ा लगत
तन थर थर कांपत
मैं रंग में ऐसी रंगी
गहरे रंग छूटत नाहीं |
है प्यार भरी अनुनय मेरी
छींटे ही नीके लागत हैं
ऐसी होली मोहे ना भावे
तेरा रंग ही काफी है |
तेरा रंग चढा ऐसा
बाकी रंग लागत फीके
उस के आगे कछु न भाए
मोहे ऐसी होली न सुहाय |
आशा
आपकी उत्कृष्ट प्रस्तुति मंगलवारीय चर्चा मंच पर ।।
जवाब देंहटाएंमैं रंग में ऐसी रंगी
जवाब देंहटाएंगहरे रंग छूटत नाहीं....
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ati sundar..
बहुत ही सुन्दर होली,आभार.
जवाब देंहटाएंबहुत उम्दा होली पर सुंदर प्रस्तुति ....आभार
जवाब देंहटाएंRecent Post: सर्वोत्तम कृषक पुरस्कार,
प्रिय का प्यार का रंग सबसे पक्का रंग
जवाब देंहटाएंसुंदर प्रस्तुति ....आभार
बहुत सुंदर .बेह्तरीन अभिव्यक्ति.शुभकामनायें.
जवाब देंहटाएंप्रेम के सुंदर रंगो में रंगी रचना ,
जवाब देंहटाएंसाभार...........
प्रीत का रंग पक्का बाकी रंग फीके... बहुत सुन्दर रचना... आभार
जवाब देंहटाएंहोली के मान मनौव्वल और बरजोरी के रंग में रंगी बहुत सुंदर प्रस्तुति ! मज़ा आ गया !
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