बीतता आज ---
हुआ विदीर्ण
मनवा विगलित
त्रासदी देख |
कैसा दरिंदा
मर्यादा भूल गया
हैवान हुआ |
दिन या रात
नहीं है सुरक्षित
है कमसिन |
आगत वर्ष ---
आगत वर्ष
दे रहा दस्तक
आने के लिए |
नवीन वर्ष
आया सम्रद्धि लिए
स्वागत करो |
स्वच्छ भारत
हो सम्रद्ध भारत
अरमां यही |
है दुआ यही
आएं ढेरों खुशियाँ
नव वर्ष में |
स्वागत नव वर्ष का ---
स्वागतम
नव वर्ष तुम्हारा
सुखमय हो |
ना ही कटुता
आने वाले कल में
आये मन में |
आने वाले कल में
आये मन में |
सौहार्द पले
जाग्रत जगत हो
अम्बर तले |
नवल वर्ष
सजधज के आया
उत्साह जगा |
जाग्रत जगत हो
अम्बर तले |
नवल वर्ष
सजधज के आया
उत्साह जगा |
आशा