Akanksha -asha.blog spot.com
23 जून, 2014
चित्र क्षणिका
बर्फ कीचादर बिछी है
जलधारा ने दो टूक किया
पर दिल नहीं बट पाए
जितने भी यत्न किये |
प्यार जताता
भोला सा बचपन
चतुष्पद से |
दीपक जला
स्नेह सिक्त वर्तिका
तिमिर छटा |
आशा
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