दो कदम तुम चलो
कुछ कदम मैं भी चलूँ
राह मिल ही जाएगी
जब दौनों साथ होंगे
जल तुम साथ लेना
थाल नैवैध्य का
मैं भी उठा लूंगी
साथ तुम्हारे जाऊंगी
पूजा का पूरा फल होगा
जब साथ तुम्हारा होगा
इसमें कोई स्वार्थ नहीं
है यह प्रभु की मर्जी
इसमें गलत कुछ भी नहीं
विधि का विधान है यही
राह एक सुनिश्चित है
मुझ में तुम में भेद नहीं |
आशा
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