22 जुलाई, 2014

ज़रा सोच कर देखो



कहती हूँ एक बात ज़रा सोच कर देखो 
ऐसी कोई  छड़ी नहीं जो मंहगाई हटाए 
ना  कोई  जादू  समस्या का निदान कर पाए
समय के साथ है सम्बन्ध उसका
धीमी गति है स्वभाव इसका
धैर्य है आवश्यक नियंत्रण के लिए
समग्र प्रयास ही  पहुंचेगा उस तक |
मंथर गति होती  उत्तम
किसी भी परिवर्तन के लिए
अति उत्साह नहीं सही कदम
समस्या के निदान के लिए |
कार्य जो कई  साल में न हो पाया
अल्प अवधि में हो कैसे संभव
यह न्याय नहीं लगता
किसी के आकलन के लिए  |
रुको ठहरो और हम कदम बनो
जब सहस्त्र कर्मठ हाथ एक साथ होंगे
सकारात्मक सोच को अंजाम देंगे
तभी सफलता मिल पाएगी
मंहगाई पर रोक लगेगी |

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