कितना कठिन
गुत्थी सुलझाना
सुलझाने का
मार्ग खोजना
जिस पर चल
निष्कर्ष खोजना
आत्मसात फिर
उस को करना
हैं सभी दूर
एक आम आदमीं से
हैं कल्पना मात्र
जो स्वप्नों में ही देते साथ
चन्द लोगों की बपोती
हैं सब सुख आज
जीवन भार हुआ आज
तभी आत्महत्या के
होते अक्सर प्रयास
पर वे सब भी
बिफल होते आज
गुत्थी ना कल सुलझी
और ना ही सुलझ पाएगी
आशा
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