गलत क्या
नहीं ज्ञान सच का
आज के लोग |
ठठरी सजी
अश्रु न थम सके
सर धुनते |
नकली लेख
असली लेखक था
बहुत दुखी |
लो आ गया
मौसम बरसाती
मन प्रसन्न |
बंदिश एक
गीत बने अनेक
मधुर लगे |
फूलों के बीच
भ्रमर व् कंटक
वे काटें ना |
मुख गुलाबी
कोमल गुलाब सा
मन महका |
आशा
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