है राधा रानी शक्ति तुम्हारी
तुम क्यूं भूले
मथुरा में अपना डेरा डाला
राधा को भूल गए
है यह कैसा न्याय तुम्हारा
उसने सब कुछ तुम पर वारा
तुमने पलट कर न देखा
कर्तव्य पथ पर ऐसे चले
वृन्दावन छोड़ चले
वह तो है शक्ति तुम्हारी
उसे यदि साथ ले जाते
अधिक ही सफलता पाते
फिर भी वह साथ रही सदा
तुम्हारी छाया की तरह
आज भी अधूरे हो राधा बिना
कहलाते हो राधा रमण
सब जपते राधे कृष्ण
राधे राधे |
आशा
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