16 अप्रैल, 2016

गागर


·

१-
कुए की ओर
गागर धर शीश
गोरिया चली |
२-
ठंडा जल है
हो गई आत्मा तृप्त
मटका धन्य |
३-
रोचक शैली
गागर में सागर
अच्छी लगती |
४-
रेशम डोर
चांदी के कलश हैं
उठ न पाएं |
५-
तपती धूप
मटका रीत गया
भरती कैसे |
आशा


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