कमरे में तस्वीरों पर
बहुत धूल थी
सोचा उनको साफ करूँ
नौकर से उन्हें उतरवाया
टेबल पर रखवाया
डस्तर ले झाड़ा बुहारा
करीने से लगाने को उठाया
दादा दादी चाचा ताऊ
हम और हमारे बच्चे
आगे रखी तस्वीर में
तीनों पीढी एक साथ देख
आँखें खुशी से हुई नम
अद्भुद चमक चहरे पर आई
यही तो है मेरी
सारे जीवन की कमाई
सभी साथ साथ हैं
भरा पूरा है धर मेरा
अलग अलग रहने की
कल्पना तक कभी
मन में न आई
बरगद की छाँव में
बगिया मेरी हरी भरी
मेरे मन को बहुत भाई|
आशा
तीनों पीढी एक साथ देख
आँखें खुशी से हुई नम
अद्भुद चमक चहरे पर आई
यही तो है मेरी
सारे जीवन की कमाई
सभी साथ साथ हैं
भरा पूरा है धर मेरा
अलग अलग रहने की
कल्पना तक कभी
मन में न आई
बरगद की छाँव में
बगिया मेरी हरी भरी
मेरे मन को बहुत भाई|
आशा
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