नूतन वर्ष ने फिर से
दी है दस्तक दरवाजे पर
नवल सोच नव विचार
लाएगा आनेवाला कल |
आज रात नाचें गाएं
जी भर कर खुशियाँ बाँटें
यही यादें तो रह जाएंगी
बीते कल में सिमट कर |
बाद में जब भी सोचेंगे
उनपर दृष्टिपात करेंगे
समस्त चित्र समक्ष होंगे
मन में सजा लेने को |
नवल किरणों से सुसज्जित
नव वर्ष का सूरज होगा
उल्लास लिए विचार होंगे
उदासी का नामों निशाँ न होगा|
हिलमिल कर स्वागत करें
नववर्ष के आगमन का
नव विचार आत्मसात करें
समरिद्धि का आग़ाज करें |
आशा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
Your reply here: