उफ यह जेठ का महीना
तपता सूरज दरकती धरा
उफ ! यह मौसम गर्मी का
औरबिजली की आँख मिचौली
बेहाल कर रही है
मति भी कुंद हो रही है
यदि कोई काम करना भी चाहे
बिना रोशनी अधूरा है
दोपहर की गर्म हवा
कुछ भी करने नहीं देती
सारा दिन बोझिल कर देती
बिना लाईट के आये
ऐ .सी . भी काम नहीं करता
कूलर की बात करें क्या
जब भी उसे चलायें
सदा गर्म हवा ही देता
केवल बेचैनी ही रहती है
नींद तक अधूरी है
आकाश में यदि बादल हों
उमस और बढ़ जाती है
घबराहट पैदा कर जाती है
कहाँ जायें क्या करें
कुछ भी अच्छा नहीं लगता
इतना अधिक तपता मौसम
जिससे बचने का उपाय
नज़र नहीं आता
पर इस ऋतु चक्र में
गर्मी बहुत ज़रूरी है
इसके बाद ही बारिश आती है
चारों ओर हरियाली छाती है
मन हरियाली में रम जाता है
उत्साह से भर जाता है
फिर से हल्का हो जाता है |
आशा
औरबिजली की आँख मिचौली
बेहाल कर रही है
मति भी कुंद हो रही है
यदि कोई काम करना भी चाहे
बिना रोशनी अधूरा है
दोपहर की गर्म हवा
कुछ भी करने नहीं देती
सारा दिन बोझिल कर देती
बिना लाईट के आये
ऐ .सी . भी काम नहीं करता
कूलर की बात करें क्या
जब भी उसे चलायें
सदा गर्म हवा ही देता
केवल बेचैनी ही रहती है
नींद तक अधूरी है
आकाश में यदि बादल हों
उमस और बढ़ जाती है
घबराहट पैदा कर जाती है
कहाँ जायें क्या करें
कुछ भी अच्छा नहीं लगता
इतना अधिक तपता मौसम
जिससे बचने का उपाय
नज़र नहीं आता
पर इस ऋतु चक्र में
गर्मी बहुत ज़रूरी है
इसके बाद ही बारिश आती है
चारों ओर हरियाली छाती है
मन हरियाली में रम जाता है
उत्साह से भर जाता है
फिर से हल्का हो जाता है |
आशा
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