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12 जून, 2018
क्यों रूठना
छोडो यह बचकानी हरकतें
कभी तो गंभीरता लाओ चेहरे पर
जो बार बार करोगे गलतियाँ
रूठ जाएंगे सभी तुमसे
चाहे कितनी भी मनुहार करोगे
मना न पाओगे उनको
दो चार दिन ही रुसवाइयां
शोभा देती हैं न खींचो बात को
न छीनों सब की खुशियाँ |
आशा
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