15 दिसंबर, 2018

क्या चाहते हैं ?






चाहते हैं बर्फ ही बर्फ हो आसपास 
अवसर मिला है क्यूँ न लाभ उठाएं 
  टिकिट बुक करवाया 
बहुत उत्साह से
          पर मित्र बदल गया
             उसे ठण्ड  रास नहीं आती
कह कर कन्नी काटली
अब क्या किया जाए
 परेशान हाल है
चाहत नहीं यात्रा  नकारने की 
दूसते से साथ चलने को कहा  
उसने  भी नकार दिया
दिल बहुत दुखा 
 पर तब  भी जाने का
अवसर नहीं छोड़ा
जो चाहते थे
 पा कर ही दम लिया
साथ एक बुजुर्ग का किया
उन ने मेरा मन रखा
मैंने भी सच्चे मन से
उनकी  सेवा करने का
 प्रण लिया मन में
दौनों साथ हो लिए
यात्रा का आनन्द भरपूर  लिया 
जो चाहा उसे पा लिया 
आज भी वह बर्फवारी
  का आनंद मन में बसा है 
हमउम्र न थे फिर भी
 खूब आनंद लिया||

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