01 जनवरी, 2019

क्षणिकाएं


1-है क्या इसकी आवश्यकता
जब क्षमा नहीं की जा सकती खता
मैं तो हारी यही जता
वह है नहीं क्षमा योग्य
क्या फ़ायदा उसे यह जता |
2- सदा समय के साथ चले

 ना ही कोई भूल की हमनें 
बीती बातें भूल नववर्ष  का
 जश्न मनाने लगे |
३-मौसम सर्दी का आया
ठण्ड से तालमेल रखने का
खुद को स्वस्थ बनाने का
 सन्देश लाया खुशहाली का |
४-तुम जाना गोकुल ग्राम ले जाना सन्देश मेरा
गोप  गोपियों को बड़े प्यार से समझाना
मैं कहीं दूर नहीं उनसे रहता सदा जुदा उनसे
ज्ञान बांटना वैराग्य का मेरा महत्त्व समझाना |
5-सच में झूट की मिलावट है कि नहीं 
कहने को तो कटु लगता है
बात मेरी सत्यपरक है या नहीं 
किसी भी मानक पर तोल लो
मुझे सत्य की परख है कि नहीं |

6-खुसरो दरिया प्रेम का
कलकल बहता जाए
डूबकी लगाए जब तक
मन अनंग न हो जाए |
आशा

आशाआशा

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