20 मार्च, 2019

फागुन आया है







कान्हां संग राधा  खेलें फाग
 फागुन आया है 
यादों की सौगात लिए
आया महीना फागुन का
रंगों में सराबोर होने का
 आपस में प्यार बांटने का
रंग गुलाल लिए हाथों में
बच्चे ले पिचकारी आए
मनुहार की लगवालो रंग
न माने की बरजोरी
यूँ तो रंग से डर लगता है
पर रहता इन्तजार मनुहार का
अपनों का स्नेह पाने का
पर बहुत खालीपन है
किसी की याद कर के
इन्तजार रहा करता था
 रंगों की होली का
गुजिया पपड़ी खाने का
एक साथ मिल कर
वे दिन बीते कल की बात हो गए
जाने कहाँ खो गए
बस यादों में बस कर रह गए |
आशा




9 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी इस प्रस्तुति का लिंक 21.3.2019 को चर्चा मंच पर चर्चा - 3281 में दिया जाएगा

    धन्यवाद

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    1. सुप्रभात
      होली की शुभ कामनाएं |
      सूचना हेतु आभार |

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  2. ब्लॉग बुलेटिन टीम और मेरी ओर से आप सब को होली पर बधाइयाँ और हार्दिक शुभकामनाएँ |


    ब्लॉग बुलेटिन की दिनांक 20/03/2019 की बुलेटिन, " बुरा ना मानो होली है ! “ , में आप की पोस्ट को भी शामिल किया गया है ... सादर आभार !

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  3. सुप्रभात |होली की शुभकामनाएं |
    सूचना हेतु आभार |

    जवाब देंहटाएं
  4. बहुत सुन्दर मनभावन रचना !

    जवाब देंहटाएं
  5. धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

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