09 सितंबर, 2019

बहुत याद आओगे




गुलाब के फूल
 जब भी खिलेंगे 
 तो बहुत याद आओगे 
इतनी आसानी से
 मुझे न भूल पाओगे 
मैं कोई महक नहीं 
जो वायु के संग बह जाऊं 
हूँ तुम्हरे रंग में रंगी 
खुशबू में सराबोर 
है मेरा भी वजूद 
कहीं खोया नहीं 
पर तुम्हारे बिना
 कोई मेरा नहीं 
तुमसे ही महकेगी 
बगिया मेरी 
जब भी फूल खिलेंगे 
तो याद आओगे |
आशा



12 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत सुन्दर शब्दों से यादों को ताज़ा किया ...

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  2. वाह ! बहुत ही सुन्दर सी कोमल सी रचना !

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  3. वाह !बेहतरीन सृजन दी जी,
    मैं कोई महक़ नहीं जो झोंके संग हवा में समा जाऊँ....
    सादर

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