14 सितंबर, 2019

अभिव्यक्ति





सोच विचार होते
अभिभावक अभिव्यक्ति के
शब्दों के संग खेलती  बड़ी होती
वय होते ही परिपक्व हो
 अधिक प्रखर हो जाती
शब्द चाहे हों जिस भाषा के
उनसे  बंध कर पींगे बढाती
ऊंचाई जब तक छू न लेती
मन को चैन न लेने देती
सोच बहुत पीछे रह जाते
अभिव्यक्ति का साथ न दे पाते
थक कर विश्राम करना चाहते
वह कहती  अभी लक्ष्य दूर है
उसे पा लेना मेरा जूनून है
क्या मेरा साथ यूँ ही छोड़ दोगे
आधा रास्ता  पार कर लिया है
फिर अब क्यूँ न आगे जाएं
उसकी दृढ इच्छा शक्ति के आगे
मानी हार अभिभावकों  ने
दिया हौसला पूरे मन से
अपनी अभिव्यक्ति को
भाषा को समृद्ध बनाने में |
आशा   

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