23 जनवरी, 2020

भक्ति




भक्ति में है शक्ति अपार
 है अनोखी वकत उसकी
यदि सच्चे मन से की जाती
कोई न कर पाता बराबरी उसकी |
भक्त की है प्रेरणा वही
जब पूरी श्रद्धा से  की जाती
वह सरलता से भव सागर पार कर पाता
जो चाहत है मन में उस तक हाथ पहुँच पाता| 
यदि भक्ति नहीं होती
 भक्त की कद्र कहाँ होती 
सही अर्थों में प्रभु को भजता कौन 
सत्य के मार्ग पर चलता कौन |
आज के सन्दर्भ में सभी
 अनजाने में गलत मार्ग चुन लेते
  भगवान तक पहुँचना चाहते
गंतव्य तक यदि ना पहुंचते दोष भक्ति को देते |
                            आशा

6 टिप्‍पणियां:

  1. आपकी लिखी रचना "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" आज गुरुवार 23 जनवरी 2020 को साझा की गई है...... "सांध्य दैनिक मुखरित मौन में" पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  3. जी नमस्ते,
    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल शुक्रवार (24-01-2020) को  " दर्पण मेरा" (चर्चा अंक - 3590)  पर भी होगी
    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट अक्सर नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का
    महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    आप भी सादर आमंत्रित है
    .....
    अनीता लागुरी 'अनु '

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  4. वाह ! सच्चे मन से प्रभु का नाम लेंगे तो मनोकामना अवश्य पूर्ण होगी !

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