कभी सोचा न था असफलता हाथ लगेगी
आशाओं को तार तार करेगी
हार से दो चार हाथ होंगे |
मनोबल टूट कर बिखर जाएगा
सुनामी का कहर आएगा
नयनों का जल अविराम बहता जाएगा |
पर अचानक अश्रु थम गए
मन में कहीं दृढता जागी
मन को एकाग्र किया
अपनी गलतियों का मंथन किया |
तभी सही मार्ग दिखाई दिया
सफलता पाने का अवसर पाया
पीछे कदम न लौटेंगे अब
दृढ
संकल्प मन में किया |
दिन रात की महानत रंग लाई
आशा की किरण नजर आई
आगे बढे कदम फिर लौट न पाए
फल
मीठा पास आने लगा |
हुई प्रसन्न सफलता पाने से
आकांक्षा बढ़ी तीव्र गति से
और और की इच्छा जागी
सही मार्ग चुनने से |
जूनून सफलता का ऐसा चढ़ा
नया
कुछ करने का जोश जगा
छोड़ कर आलस्य हुई सक्रीय फिर से
विश्वास भरे मन से |
दृढ
निश्चय लगन आशा अभिलाषा
प्रवल आकांक्षा की सीडी चढ़ कर
सही मार्ग चुन कर हारी नहीं
परचम फैलाया अपनी सफलता पर |
आशा
दृढ इच्छा शक्ति निश्चित सफलता की कुंजी है
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
धन्यवाद कविता जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंसुन्दर प्रस्तुति
जवाब देंहटाएंधन्यवाद प्रिया जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंधन्यवाद ओंकार जी टिप्पणी के लिए |
जवाब देंहटाएंआपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में शुक्रवार 28 फरवरी 2020 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंआभार यशोदा जी सूचना के लिए |
हटाएंवाह!!!
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर ...प्रेरक रचना
धन्यवाद सुधा जी टिप्पणी के लिए |
हटाएंइस टिप्पणी को एक ब्लॉग व्यवस्थापक द्वारा हटा दिया गया है.
जवाब देंहटाएंइस टिप्पणी को लेखक द्वारा हटा दिया गया है.
हटाएंकोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती ! मन में जोश जगाती बहुत सुन्दर रचना !
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