27 मई, 2021

सर्वगुण संपन्न


 


ए हुस्न की मलिका  

हो प्रेरणा  तुम दूसरों के लिए

यह भी न जाना तुमने

कितनी हो  बेसुध अपने लिए

 याद तक नहीं तुम्हें कि

क्या नियामत और  है तुम्हारे पास |

जैसी कुशाग्र  बुद्धि पाई तुमने

वह सब के पास नहीं होती

हो गुणों की खान तुम

ज़रा भी अभिमान नहीं तुम को  |

गर्व हुआ  मुझे  तुम पर

तुम्हारे गुणों की सूची देखी

ईश्वर को धन्यवाद दिया कि

तुम जैसों का सान्निध्य पाया |

देखो सोचो क्या कर सकती हो

आज के समाज के लिए

यदि कोई भी कार्य हाथ में लोगी

पूर्ण करोगी तन मन धन से |

गर्व है तुम्हारे जन्मदाताओं को

फूले नहीं समाते हैं प्रशंसा तुम्हारी करते 

 जब भी तुम्हारे साथ होते

 तुम्हें देख  खुद गोरवान्वित होते |

 

 आशा 

 

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