31 मई, 2021

हमकदम कैसा होता


 

कैसे रहते इस दुनिया में अकेले

कोई तो चाहिए था साथ के लिए

 हमारे जैसी सोच का मालिक होता

हम कदम होता हर पल साथ देता |

जीवन सरल नहीं है जानता सुख दुःख पहचानता

इस दुनिया में रहने के लिए जूझना पड़ता

संघर्ष के बिना कुछ भी हांसिल नहीं होता

वर्तमान में सफलतम जीवन जीने  के लिए|

 ईश्वर पर  श्रद्धा का होना है आवश्यक

अंध विश्वास से दूरी रख कर चलना होता

सामान्य सोच नहीं देता यह सदबुद्धि

विरले ही होते योग्य और सफल  जीवन में  |

जो हर कष्ट सहन करने की क्षमता रखते

वही सफल हो पाते इस भवसागर में

यदि प्रभू का वरद हस्त होता सर पर

 ले हाथ में हाथ भवसागर को पार कर तर जाते |

आशा

11 टिप्‍पणियां:

  1. सादर नमस्कार ,

    आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (1-6-21) को "वृक्ष"' (चर्चा अंक 4083) पर भी होगी।
    आप भी सादर आमंत्रित है,आपकी उपस्थिति मंच की शोभा बढ़ायेगी।
    --
    कामिनी सिन्हा


    जवाब देंहटाएं
  2. सुप्रभात
    मेरी रचना की सूचना के लिए आभार कामिनी जी |

    जवाब देंहटाएं
  3. उत्तर
    1. धन्यवाद आपका बहुत टिप्पणीव के लिए

      हटाएं
  4. धन्यवाद आपका बहुत टिप्पणीव के लिए

    जवाब देंहटाएं


  5. आपका बहुत बहुत धन्यवाद आदरणीय

    जवाब देंहटाएं
  6. धन्यवाद ह्रदयेश जी टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं
  7. गहन चिंतन से उपजी सुन्दर रचना ! बहुत खूब !

    जवाब देंहटाएं
  8. सुप्रभात
    धन्यवाद साधना टिप्पणी के लिए |

    जवाब देंहटाएं

Your reply here: